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Atharvaveda Shaunaka Samhita – Kanda 06 Sukta 096
By Dr. Sachchidanand Pathak, U.P. Sanskrit Sansthan, Lucknow, India.
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चिकित्सा।
१-३ भृग्वङ्गिराः। वनस्पतिः, ३ सोमः। अनुष्टुप्, ३ त्रिपाद्विराण्नाम गायत्री।
या ओष॑धयः॒ सोम॑राज्ञीर्ब॒ह्वीः श॒तवि॑चक्षणाः ।
बृह॒स्पति॑प्रसूता॒स्ता नो॑ मुञ्च॒न्त्वंह॑सः ॥१॥
मु॒ञ्चन्तु॑ मा शप॒थ्या॒३दथो॑ वरु॒ण्याऽदु॒त।
अथो॑ य॒मस्य॒ पड्वी॑शाद् विश्व॑स्माद् देवकिल्बि॒षात्॥२॥
यच्चक्षु॑षा॒ मन॑सा॒ यच्च॑ वा॒चोपा॑रि॒म जाग्र॑तो॒ यत् स्व॒पन्तः॑ ।
सोम॒स्तानि॑ स्व॒धया॑ नः पुनातु ॥३॥