SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 09
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 09 Sukta 075
A
A+
५ कविर्भार्गव: । पवमान: सोम: ।जगती ।
अ॒भि प्रि॒याणि॑ पवते॒ चनो॑हितो॒ नामा॑नि य॒ह्वो अधि॒ येषु॒ वर्ध॑ते ।
आ सूर्य॑स्य बृह॒तो बृ॒हन्नधि॒ रथं॒ विष्व॑ञ्चमरुहद्विचक्ष॒णः ॥१॥
ऋ॒तस्य॑ जि॒ह्वा प॑वते॒ मधु॑ प्रि॒यं व॒क्ता पति॑र्धि॒यो अ॒स्या अदा॑भ्यः ।
दधा॑ति पु॒त्रः पि॒त्रोर॑पी॒च्यं१ नाम॑ तृ॒तीय॒मधि॑ रोच॒ने दि॒वः ॥२॥
अव॑ द्युता॒नः क॒लशाँ॑ अचिक्रद॒न्नृभि॑र्येमा॒नः कोश॒ आ हि॑र॒ण्यये॑ ।
अ॒भीमृ॒तस्य॑ दो॒हना॑ अनूष॒ताऽधि॑ त्रिपृ॒ष्ठ उ॒षसो॒ वि रा॑जति ॥३॥
अद्रि॑भिः सु॒तो म॒तिभि॒श्चनो॑हितः प्ररो॒चय॒न्रोद॑सी मा॒तरा॒ शुचि॑: ।
रोमा॒ण्यव्या॑ स॒मया॒ वि धा॑वति॒ मधो॒र्धारा॒ पिन्व॑माना दि॒वेदि॑वे ॥४॥
परि॑ सोम॒ प्र ध॑न्वा स्व॒स्तये॒ नृभि॑: पुना॒नो अ॒भि वा॑सया॒शिर॑म् ।
ये ते॒ मदा॑ आह॒नसो॒ विहा॑यस॒स्तेभि॒रिन्द्रं॑ चोदय॒ दात॑वे म॒घम् ॥५॥
अ॒भि प्रि॒याणि॑ पवते॒ चनो॑हितो॒ नामा॑नि य॒ह्वो अधि॒ येषु॒ वर्ध॑ते ।
आ सूर्य॑स्य बृह॒तो बृ॒हन्नधि॒ रथं॒ विष्व॑ञ्चमरुहद्विचक्ष॒णः ॥१॥
ऋ॒तस्य॑ जि॒ह्वा प॑वते॒ मधु॑ प्रि॒यं व॒क्ता पति॑र्धि॒यो अ॒स्या अदा॑भ्यः ।
दधा॑ति पु॒त्रः पि॒त्रोर॑पी॒च्यं१ नाम॑ तृ॒तीय॒मधि॑ रोच॒ने दि॒वः ॥२॥
अव॑ द्युता॒नः क॒लशाँ॑ अचिक्रद॒न्नृभि॑र्येमा॒नः कोश॒ आ हि॑र॒ण्यये॑ ।
अ॒भीमृ॒तस्य॑ दो॒हना॑ अनूष॒ताऽधि॑ त्रिपृ॒ष्ठ उ॒षसो॒ वि रा॑जति ॥३॥
अद्रि॑भिः सु॒तो म॒तिभि॒श्चनो॑हितः प्ररो॒चय॒न्रोद॑सी मा॒तरा॒ शुचि॑: ।
रोमा॒ण्यव्या॑ स॒मया॒ वि धा॑वति॒ मधो॒र्धारा॒ पिन्व॑माना दि॒वेदि॑वे ॥४॥
परि॑ सोम॒ प्र ध॑न्वा स्व॒स्तये॒ नृभि॑: पुना॒नो अ॒भि वा॑सया॒शिर॑म् ।
ये ते॒ मदा॑ आह॒नसो॒ विहा॑यस॒स्तेभि॒रिन्द्रं॑ चोदय॒ दात॑वे म॒घम् ॥५॥