SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 09
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 09 Sukta 114
A
A+
४ कश्यपो मारीच: । पवमान: सोम: । पङ्क्ति: ।
य इन्दो॒: पव॑मान॒स्याऽनु॒ धामा॒न्यक्र॑मीत् ।
तमा॑हुः सुप्र॒जा इति॒ यस्ते॑ सो॒मावि॑ध॒न्मन॒ इन्द्रा॑येन्दो॒ परि॑ स्रव ॥१॥
ऋषे॑ मन्त्र॒कृतां॒ स्तोमै॒: कश्य॑पोद्व॒र्धय॒न्गिर॑: ।
सोमं॑ नमस्य॒ राजा॑नं॒ यो ज॒ज्ञे वी॒रुधां॒ पति॒रिन्द्रा॑येन्दो॒ परि॑ स्रव ॥२॥
स॒प्त दिशो॒ नाना॑सूर्याः स॒प्त होता॑र ऋ॒त्विज॑: ।
दे॒वा आ॑दि॒त्या ये स॒प्त तेभि॑: सोमा॒भि र॑क्ष न॒ इन्द्रा॑येन्दो॒ परि॑ स्रव ॥३॥
यत्ते॑ राजञ्छृ॒तं ह॒विस्तेन॑ सोमा॒भि र॑क्ष नः ।
अ॒रा॒ती॒वा मा न॑स्तारी॒न्मो च॑ न॒: किं च॒नाम॑म॒दिन्द्रा॑येन्दो॒ परि॑ स्रव ॥४॥
य इन्दो॒: पव॑मान॒स्याऽनु॒ धामा॒न्यक्र॑मीत् ।
तमा॑हुः सुप्र॒जा इति॒ यस्ते॑ सो॒मावि॑ध॒न्मन॒ इन्द्रा॑येन्दो॒ परि॑ स्रव ॥१॥
ऋषे॑ मन्त्र॒कृतां॒ स्तोमै॒: कश्य॑पोद्व॒र्धय॒न्गिर॑: ।
सोमं॑ नमस्य॒ राजा॑नं॒ यो ज॒ज्ञे वी॒रुधां॒ पति॒रिन्द्रा॑येन्दो॒ परि॑ स्रव ॥२॥
स॒प्त दिशो॒ नाना॑सूर्याः स॒प्त होता॑र ऋ॒त्विज॑: ।
दे॒वा आ॑दि॒त्या ये स॒प्त तेभि॑: सोमा॒भि र॑क्ष न॒ इन्द्रा॑येन्दो॒ परि॑ स्रव ॥३॥
यत्ते॑ राजञ्छृ॒तं ह॒विस्तेन॑ सोमा॒भि र॑क्ष नः ।
अ॒रा॒ती॒वा मा न॑स्तारी॒न्मो च॑ न॒: किं च॒नाम॑म॒दिन्द्रा॑येन्दो॒ परि॑ स्रव ॥४॥