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SELECT SUKTA OF MANDALA 09
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 09 Sukta 076
A
A+
५ कविर्भार्गव: । पवमान: सोम: ।जगती ।
ध॒र्ता दि॒वः प॑वते॒ कृत्व्यो॒ रसो॒ दक्षो॑ दे॒वाना॑मनु॒माद्यो॒ नृभि॑: ।
हरि॑: सृजा॒नो अत्यो॒ न सत्व॑भि॒र्वृथा॒ पाजां॑सि कृणुते न॒दीष्वा ॥१
शूरो॒ न ध॑त्त॒ आयु॑धा॒ गभ॑स्त्यो॒: स्व१: सिषा॑सन्रथि॒रो गवि॑ष्टिषु ।
इन्द्र॑स्य॒ शुष्म॑मी॒रय॑न्नप॒स्युभि॒रिन्दु॑र्हिन्वा॒नो अ॑ज्यते मनी॒षिभि॑: ॥२॥
इन्द्र॑स्य सोम॒ पव॑मान ऊ॒र्मिणा॑ तवि॒ष्यमा॑णो ज॒ठरे॒ष्वा वि॑श ।
प्र ण॑: पिन्व वि॒द्युद॒भ्रेव॒ रोद॑सी धि॒या न वाजाँ॒ उप॑ मासि॒ शश्व॑तः ॥३॥
विश्व॑स्य॒ राजा॑ पवते स्व॒र्दृश॑ ऋ॒तस्य॑ धी॒तिमृ॑षि॒षाळ॑वीवशत् ।
यः सूर्य॒स्यासि॑रेण मृ॒ज्यते॑ पि॒ता म॑ती॒नामस॑मष्टकाव्यः ॥४॥
वृषे॑व यू॒था परि॒ कोश॑मर्षस्य॒पामु॒पस्थे॑ वृष॒भः कनि॑क्रदत् ।
स इन्द्रा॑य पवसे मत्स॒रिन्त॑मो॒ यथा॒ जेषा॑म समि॒थे त्वोत॑यः ॥५॥
ध॒र्ता दि॒वः प॑वते॒ कृत्व्यो॒ रसो॒ दक्षो॑ दे॒वाना॑मनु॒माद्यो॒ नृभि॑: ।
हरि॑: सृजा॒नो अत्यो॒ न सत्व॑भि॒र्वृथा॒ पाजां॑सि कृणुते न॒दीष्वा ॥१
शूरो॒ न ध॑त्त॒ आयु॑धा॒ गभ॑स्त्यो॒: स्व१: सिषा॑सन्रथि॒रो गवि॑ष्टिषु ।
इन्द्र॑स्य॒ शुष्म॑मी॒रय॑न्नप॒स्युभि॒रिन्दु॑र्हिन्वा॒नो अ॑ज्यते मनी॒षिभि॑: ॥२॥
इन्द्र॑स्य सोम॒ पव॑मान ऊ॒र्मिणा॑ तवि॒ष्यमा॑णो ज॒ठरे॒ष्वा वि॑श ।
प्र ण॑: पिन्व वि॒द्युद॒भ्रेव॒ रोद॑सी धि॒या न वाजाँ॒ उप॑ मासि॒ शश्व॑तः ॥३॥
विश्व॑स्य॒ राजा॑ पवते स्व॒र्दृश॑ ऋ॒तस्य॑ धी॒तिमृ॑षि॒षाळ॑वीवशत् ।
यः सूर्य॒स्यासि॑रेण मृ॒ज्यते॑ पि॒ता म॑ती॒नामस॑मष्टकाव्यः ॥४॥
वृषे॑व यू॒था परि॒ कोश॑मर्षस्य॒पामु॒पस्थे॑ वृष॒भः कनि॑क्रदत् ।
स इन्द्रा॑य पवसे मत्स॒रिन्त॑मो॒ यथा॒ जेषा॑म समि॒थे त्वोत॑यः ॥५॥