SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 09
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 09 Sukta 080
A
A+
५ वसुर्भारद्वाज: । पवमान: सोम: ।जगती ।
सोम॑स्य॒ धारा॑ पवते नृ॒चक्ष॑स ऋ॒तेन॑ दे॒वान्ह॑वते दि॒वस्परि॑ ।
बृह॒स्पते॑ र॒वथे॑ना॒ वि दि॑द्युते समु॒द्रासो॒ न सव॑नानि विव्यचुः ॥१॥
यं त्वा॑ वाजिन्न॒घ्न्या अ॒भ्यनू॑ष॒ताऽयो॑हतं॒ योनि॒मा रो॑हसि द्यु॒मान् ।
म॒घोना॒मायु॑: प्रति॒रन्महि॒ श्रव॒ इन्द्रा॑य सोम पवसे॒ वृषा॒ मद॑: ॥२॥
एन्द्र॑स्य कु॒क्षा प॑वते म॒दिन्त॑म॒ ऊर्जं॒ वसा॑न॒: श्रव॑से सुम॒ङ्गल॑: ।
प्र॒त्यङ्स विश्वा॒ भुव॑ना॒भि प॑प्रथे॒ क्रीळ॒न्हरि॒रत्य॑: स्यन्दते॒ वृषा॑ ॥३॥
तं त्वा॑ दे॒वेभ्यो॒ मधु॑मत्तमं॒ नर॑: स॒हस्र॑धारं दुहते॒ दश॒ क्षिप॑: ।
नृभि॑: सोम॒ प्रच्यु॑तो॒ ग्राव॑भिः सु॒तो विश्वा॑न्दे॒वाँ आ प॑वस्वा सहस्रजित् ॥४॥
तं त्वा॑ ह॒स्तिनो॒ मधु॑मन्त॒मद्रि॑भिर्दु॒हन्त्य॒प्सु वृ॑ष॒भं दश॒ क्षिप॑: ।
इन्द्रं॑ सोम मा॒दय॒न्दैव्यं॒ जनं॒ सिन्धो॑रिवो॒र्मिः पव॑मानो अर्षसि ॥५॥
सोम॑स्य॒ धारा॑ पवते नृ॒चक्ष॑स ऋ॒तेन॑ दे॒वान्ह॑वते दि॒वस्परि॑ ।
बृह॒स्पते॑ र॒वथे॑ना॒ वि दि॑द्युते समु॒द्रासो॒ न सव॑नानि विव्यचुः ॥१॥
यं त्वा॑ वाजिन्न॒घ्न्या अ॒भ्यनू॑ष॒ताऽयो॑हतं॒ योनि॒मा रो॑हसि द्यु॒मान् ।
म॒घोना॒मायु॑: प्रति॒रन्महि॒ श्रव॒ इन्द्रा॑य सोम पवसे॒ वृषा॒ मद॑: ॥२॥
एन्द्र॑स्य कु॒क्षा प॑वते म॒दिन्त॑म॒ ऊर्जं॒ वसा॑न॒: श्रव॑से सुम॒ङ्गल॑: ।
प्र॒त्यङ्स विश्वा॒ भुव॑ना॒भि प॑प्रथे॒ क्रीळ॒न्हरि॒रत्य॑: स्यन्दते॒ वृषा॑ ॥३॥
तं त्वा॑ दे॒वेभ्यो॒ मधु॑मत्तमं॒ नर॑: स॒हस्र॑धारं दुहते॒ दश॒ क्षिप॑: ।
नृभि॑: सोम॒ प्रच्यु॑तो॒ ग्राव॑भिः सु॒तो विश्वा॑न्दे॒वाँ आ प॑वस्वा सहस्रजित् ॥४॥
तं त्वा॑ ह॒स्तिनो॒ मधु॑मन्त॒मद्रि॑भिर्दु॒हन्त्य॒प्सु वृ॑ष॒भं दश॒ क्षिप॑: ।
इन्द्रं॑ सोम मा॒दय॒न्दैव्यं॒ जनं॒ सिन्धो॑रिवो॒र्मिः पव॑मानो अर्षसि ॥५॥