SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 09
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 09 Sukta 030
A
A+
६ बिन्दुराङ्गिरस: । पवमान: सोम: । गायत्री ।
प्र धारा॑ अस्य शु॒ष्मिणो॒ वृथा॑ प॒वित्रे॑ अक्षरन् । पु॒ना॒नो वाच॑मिष्यति ॥१॥
इन्दु॑र्हिया॒नः सो॒तृभि॑र्मृ॒ज्यमा॑न॒: कनि॑क्रदत् । इय॑र्ति व॒ग्नुमि॑न्द्रि॒यम् ॥२॥
आ न॒: शुष्मं॑ नृ॒षाह्यं॑ वी॒रव॑न्तं पुरु॒स्पृह॑म् । पव॑स्व सोम॒ धार॑या ॥३॥
प्र सोमो॒ अति॒ धार॑या॒ पव॑मानो असिष्यदत् । अ॒भि द्रोणा॑न्या॒सद॑म् ॥४॥
अ॒प्सु त्वा॒ मधु॑मत्तमं॒ हरिं॑ हिन्व॒न्त्यद्रि॑भिः । इन्द॒विन्द्रा॑य पी॒तये॑ ॥५॥
सु॒नोता॒ मधु॑मत्तमं॒ सोम॒मिन्द्रा॑य व॒ज्रिणे॑ । चारुं॒ शर्धा॑य मत्स॒रम् ॥६॥
प्र धारा॑ अस्य शु॒ष्मिणो॒ वृथा॑ प॒वित्रे॑ अक्षरन् । पु॒ना॒नो वाच॑मिष्यति ॥१॥
इन्दु॑र्हिया॒नः सो॒तृभि॑र्मृ॒ज्यमा॑न॒: कनि॑क्रदत् । इय॑र्ति व॒ग्नुमि॑न्द्रि॒यम् ॥२॥
आ न॒: शुष्मं॑ नृ॒षाह्यं॑ वी॒रव॑न्तं पुरु॒स्पृह॑म् । पव॑स्व सोम॒ धार॑या ॥३॥
प्र सोमो॒ अति॒ धार॑या॒ पव॑मानो असिष्यदत् । अ॒भि द्रोणा॑न्या॒सद॑म् ॥४॥
अ॒प्सु त्वा॒ मधु॑मत्तमं॒ हरिं॑ हिन्व॒न्त्यद्रि॑भिः । इन्द॒विन्द्रा॑य पी॒तये॑ ॥५॥
सु॒नोता॒ मधु॑मत्तमं॒ सोम॒मिन्द्रा॑य व॒ज्रिणे॑ । चारुं॒ शर्धा॑य मत्स॒रम् ॥६॥