SELECT MANDALA
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 09 Sukta 033
A
A+
६ त्रित आप्त्य: । पवमान: सोम: । गायत्री ।
प्र सोमा॑सो विप॒श्चितो॒ऽपां न य॑न्त्यू॒र्मय॑: । वना॑नि महि॒षा इ॑व ॥१॥
अ॒भि द्रोणा॑नि ब॒भ्रव॑: शु॒क्रा ऋ॒तस्य॒ धार॑या । वाजं॒ गोम॑न्तमक्षरन् ॥२॥
सु॒ता इन्द्रा॑य वा॒यवे॒ वरु॑णाय म॒रुद्भ्य॑: । सोमा॑ अर्षन्ति॒ विष्ण॑वे ॥३॥
ति॒स्रो वाच॒ उदी॑रते॒ गावो॑ मिमन्ति धे॒नव॑: । हरि॑रेति॒ कनि॑क्रदत् ॥४॥
अ॒भि ब्रह्मी॑रनूषत य॒ह्वीॠ॒तस्य॑ मा॒तर॑: । म॒र्मृ॒ज्यन्ते॑ दि॒वः शिशु॑म् ॥५॥
रा॒यः स॑मु॒द्राँश्च॒तुरो॒ऽस्मभ्यं॑ सोम वि॒श्वत॑: । आ प॑वस्व सह॒स्रिण॑: ॥६॥
प्र सोमा॑सो विप॒श्चितो॒ऽपां न य॑न्त्यू॒र्मय॑: । वना॑नि महि॒षा इ॑व ॥१॥
अ॒भि द्रोणा॑नि ब॒भ्रव॑: शु॒क्रा ऋ॒तस्य॒ धार॑या । वाजं॒ गोम॑न्तमक्षरन् ॥२॥
सु॒ता इन्द्रा॑य वा॒यवे॒ वरु॑णाय म॒रुद्भ्य॑: । सोमा॑ अर्षन्ति॒ विष्ण॑वे ॥३॥
ति॒स्रो वाच॒ उदी॑रते॒ गावो॑ मिमन्ति धे॒नव॑: । हरि॑रेति॒ कनि॑क्रदत् ॥४॥
अ॒भि ब्रह्मी॑रनूषत य॒ह्वीॠ॒तस्य॑ मा॒तर॑: । म॒र्मृ॒ज्यन्ते॑ दि॒वः शिशु॑म् ॥५॥
रा॒यः स॑मु॒द्राँश्च॒तुरो॒ऽस्मभ्यं॑ सोम वि॒श्वत॑: । आ प॑वस्व सह॒स्रिण॑: ॥६॥