SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 09
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 09 Sukta 029
A
A+
६ नृमेध आङ्गिरस: । पवमान: सोम: । गायत्री ।
प्रास्य॒ धारा॑ अक्षर॒न्वृष्ण॑: सु॒तस्यौज॑सा । दे॒वाँ अनु॑ प्र॒भूष॑तः ॥१॥
सप्तिं॑ मृजन्ति वे॒धसो॑ गृ॒णन्त॑: का॒रवो॑ गि॒रा । ज्योति॑र्जज्ञा॒नमु॒क्थ्य॑म् ॥२॥
सु॒षहा॑ सोम॒ तानि॑ ते पुना॒नाय॑ प्रभूवसो । वर्धा॑ समु॒द्रमु॒क्थ्य॑म् ॥३॥
विश्वा॒ वसू॑नि सं॒जय॒न्पव॑स्व सोम॒ धार॑या । इ॒नु द्वेषां॑सि स॒ध्र्य॑क् ॥४॥
रक्षा॒ सु नो॒ अर॑रुषः स्व॒नात्स॑मस्य॒ कस्य॑ चित् । नि॒दो यत्र॑ मुमु॒च्महे॑ ॥५॥
एन्दो॒ पार्थि॑वं र॒यिं दि॒व्यं प॑वस्व॒ धार॑या । द्यु॒मन्तं॒ शुष्म॒मा भ॑र ॥६॥
प्रास्य॒ धारा॑ अक्षर॒न्वृष्ण॑: सु॒तस्यौज॑सा । दे॒वाँ अनु॑ प्र॒भूष॑तः ॥१॥
सप्तिं॑ मृजन्ति वे॒धसो॑ गृ॒णन्त॑: का॒रवो॑ गि॒रा । ज्योति॑र्जज्ञा॒नमु॒क्थ्य॑म् ॥२॥
सु॒षहा॑ सोम॒ तानि॑ ते पुना॒नाय॑ प्रभूवसो । वर्धा॑ समु॒द्रमु॒क्थ्य॑म् ॥३॥
विश्वा॒ वसू॑नि सं॒जय॒न्पव॑स्व सोम॒ धार॑या । इ॒नु द्वेषां॑सि स॒ध्र्य॑क् ॥४॥
रक्षा॒ सु नो॒ अर॑रुषः स्व॒नात्स॑मस्य॒ कस्य॑ चित् । नि॒दो यत्र॑ मुमु॒च्महे॑ ॥५॥
एन्दो॒ पार्थि॑वं र॒यिं दि॒व्यं प॑वस्व॒ धार॑या । द्यु॒मन्तं॒ शुष्म॒मा भ॑र ॥६॥