SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 09
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 09 Sukta 095
A
A+
५ प्रस्कण्व: काण्व: । पवमान: सोम: । त्रिष्टुप् ।
कनि॑क्रन्ति॒ हरि॒रा सृ॒ज्यमा॑न॒: सीद॒न्वन॑स्य ज॒ठरे॑ पुना॒नः ।
नृभि॑र्य॒तः कृ॑णुते नि॒र्णिजं॒ गा अतो॑ म॒तीर्ज॑नयत स्व॒धाभि॑: ॥१॥
हरि॑: सृजा॒नः प॒थ्या॑मृ॒तस्येय॑र्ति॒ वाच॑मरि॒तेव॒ नाव॑म् ।
दे॒वो दे॒वानां॒ गुह्या॑नि॒ नामा॒ऽऽविष्कृ॑णोति ब॒र्हिषि॑ प्र॒वाचे॑ ॥२॥
अ॒पामि॒वेदू॒र्मय॒स्तर्तु॑राणा॒: प्र म॑नी॒षा ई॑रते॒ सोम॒मच्छ॑ ।
न॒म॒स्यन्ती॒रुप॑ च॒ यन्ति॒ सं चा ऽऽच॑ विशन्त्युश॒तीरु॒शन्त॑म् ॥३॥
तं म॑र्मृजा॒नं म॑हि॒षं न साना॑वं॒शुं दु॑हन्त्यु॒क्षणं॑ गिरि॒ष्ठाम् ।
तं वा॑वशा॒नं म॒तय॑: सचन्ते त्रि॒तो बि॑भर्ति॒ वरु॑णं समु॒द्रे ॥४॥
इष्य॒न्वाच॑मुपव॒क्तेव॒ होतु॑: पुना॒न इ॑न्दो॒ वि ष्या॑ मनी॒षाम् ।
इन्द्र॑श्च॒ यत्क्षय॑थ॒: सौभ॑गाय सु॒वीर्य॑स्य॒ पत॑यः स्याम ॥५॥
कनि॑क्रन्ति॒ हरि॒रा सृ॒ज्यमा॑न॒: सीद॒न्वन॑स्य ज॒ठरे॑ पुना॒नः ।
नृभि॑र्य॒तः कृ॑णुते नि॒र्णिजं॒ गा अतो॑ म॒तीर्ज॑नयत स्व॒धाभि॑: ॥१॥
हरि॑: सृजा॒नः प॒थ्या॑मृ॒तस्येय॑र्ति॒ वाच॑मरि॒तेव॒ नाव॑म् ।
दे॒वो दे॒वानां॒ गुह्या॑नि॒ नामा॒ऽऽविष्कृ॑णोति ब॒र्हिषि॑ प्र॒वाचे॑ ॥२॥
अ॒पामि॒वेदू॒र्मय॒स्तर्तु॑राणा॒: प्र म॑नी॒षा ई॑रते॒ सोम॒मच्छ॑ ।
न॒म॒स्यन्ती॒रुप॑ च॒ यन्ति॒ सं चा ऽऽच॑ विशन्त्युश॒तीरु॒शन्त॑म् ॥३॥
तं म॑र्मृजा॒नं म॑हि॒षं न साना॑वं॒शुं दु॑हन्त्यु॒क्षणं॑ गिरि॒ष्ठाम् ।
तं वा॑वशा॒नं म॒तय॑: सचन्ते त्रि॒तो बि॑भर्ति॒ वरु॑णं समु॒द्रे ॥४॥
इष्य॒न्वाच॑मुपव॒क्तेव॒ होतु॑: पुना॒न इ॑न्दो॒ वि ष्या॑ मनी॒षाम् ।
इन्द्र॑श्च॒ यत्क्षय॑थ॒: सौभ॑गाय सु॒वीर्य॑स्य॒ पत॑यः स्याम ॥५॥