SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 09
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 09 Sukta 057
A
A+
४ अवत्सार: काश्यपः । पवमान: सोम: । गायत्री ।
प्र ते॒ धारा॑ अस॒श्चतो॑ दि॒वो न य॑न्ति वृ॒ष्टय॑: । अच्छा॒ वाजं॑ सह॒स्रिण॑म् ॥१॥
अ॒भि प्रि॒याणि॒ काव्या॒ विश्वा॒ चक्षा॑णो अर्षति । हरि॑स्तुञ्जा॒न आयु॑धा ॥२॥
स म॑र्मृजा॒न आ॒युभि॒रिभो॒ राजे॑व सुव्र॒तः । श्ये॒नो न वंसु॑ षीदति ॥३॥
स नो॒ विश्वा॑ दि॒वो वसू॒तो पृ॑थि॒व्या अधि॑ । पु॒ना॒न इ॑न्द॒वा भ॑र ॥४॥
प्र ते॒ धारा॑ अस॒श्चतो॑ दि॒वो न य॑न्ति वृ॒ष्टय॑: । अच्छा॒ वाजं॑ सह॒स्रिण॑म् ॥१॥
अ॒भि प्रि॒याणि॒ काव्या॒ विश्वा॒ चक्षा॑णो अर्षति । हरि॑स्तुञ्जा॒न आयु॑धा ॥२॥
स म॑र्मृजा॒न आ॒युभि॒रिभो॒ राजे॑व सुव्र॒तः । श्ये॒नो न वंसु॑ षीदति ॥३॥
स नो॒ विश्वा॑ दि॒वो वसू॒तो पृ॑थि॒व्या अधि॑ । पु॒ना॒न इ॑न्द॒वा भ॑र ॥४॥