SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 10
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 10 Sukta 143
A
A+
६ अत्रिः सांख्यः। अश्विनौ। अनुष्टुप्।
त्यं चि॒दत्रि॑मृत॒जुर॒मर्थ॒मश्वं॒ न यात॑वे । क॒क्षीव॑न्तं॒ यदी॒ पुना॒ रथं॒ न कृ॑णु॒थो नव॑म् ॥१॥
त्यं चि॒दश्वं॒ न वा॒जिन॑मरे॒णवो॒ यमत्न॑त । दृ॒ळ्हं ग्र॒न्थिं न वि ष्य॑त॒मत्रिं॒ यवि॑ष्ठ॒मा रज॑: ॥२॥
नरा॒ दंसि॑ष्ठा॒वत्र॑ये॒ शुभ्रा॒ सिषा॑सतं॒ धिय॑: । अथा॒ हि वां॑ दि॒वो न॑रा॒ पुन॒ स्तोमो॒ न वि॒शसे॑ ॥३॥
चि॒ते तद्वां॑ सुराधसा रा॒तिः सु॑म॒तिर॑श्विना । आ यन्न॒: सद॑ने पृ॒थौ सम॑ने॒ पर्ष॑थो नरा ॥४॥
यु॒वं भु॒ज्युं स॑मु॒द्र आ रज॑सः पा॒र ई॑ङ्खि॒तम् । या॒तमच्छा॑ पत॒त्रिभि॒र्नास॑त्या सा॒तये॑ कृतम् ॥५॥
आ वां॑ सु॒म्नैः शं॒यू इ॑व॒ मंहि॑ष्ठा॒ विश्व॑वेदसा । सम॒स्मे भू॑षतं न॒रोत्सं॒ न पि॒प्युषी॒रिष॑: ॥६॥
त्यं चि॒दत्रि॑मृत॒जुर॒मर्थ॒मश्वं॒ न यात॑वे । क॒क्षीव॑न्तं॒ यदी॒ पुना॒ रथं॒ न कृ॑णु॒थो नव॑म् ॥१॥
त्यं चि॒दश्वं॒ न वा॒जिन॑मरे॒णवो॒ यमत्न॑त । दृ॒ळ्हं ग्र॒न्थिं न वि ष्य॑त॒मत्रिं॒ यवि॑ष्ठ॒मा रज॑: ॥२॥
नरा॒ दंसि॑ष्ठा॒वत्र॑ये॒ शुभ्रा॒ सिषा॑सतं॒ धिय॑: । अथा॒ हि वां॑ दि॒वो न॑रा॒ पुन॒ स्तोमो॒ न वि॒शसे॑ ॥३॥
चि॒ते तद्वां॑ सुराधसा रा॒तिः सु॑म॒तिर॑श्विना । आ यन्न॒: सद॑ने पृ॒थौ सम॑ने॒ पर्ष॑थो नरा ॥४॥
यु॒वं भु॒ज्युं स॑मु॒द्र आ रज॑सः पा॒र ई॑ङ्खि॒तम् । या॒तमच्छा॑ पत॒त्रिभि॒र्नास॑त्या सा॒तये॑ कृतम् ॥५॥
आ वां॑ सु॒म्नैः शं॒यू इ॑व॒ मंहि॑ष्ठा॒ विश्व॑वेदसा । सम॒स्मे भू॑षतं न॒रोत्सं॒ न पि॒प्युषी॒रिष॑: ॥६॥