SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 10
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 10 Sukta 021
A
A+
८ ऐन्द्रो विमदः, प्राजापत्यो वा, वासुक्रो वसुकृद्वा। अग्निः। आस्तारपंक्तिः।
आग्निं न स्ववृ॑क्तिभि॒र्होता॑रं त्वा वृणीमहे ।
य॒ज्ञाय॑ स्ती॒र्णब॑र्हिषे॒ वि वो॒ मदे॑ शी॒रं पा॑व॒कशो॑चिषं॒ विव॑क्षसे ॥१॥
त्वामु॒ ते स्वा॒भुव॑: शु॒म्भन्त्यश्व॑राधसः ।
वेति॒ त्वामु॑प॒सेच॑नी॒ वि वो॒ मद॒ ऋजी॑तिरग्न॒ आहु॑ति॒र्विव॑क्षसे ॥२॥
त्वे ध॒र्माण॑ आसते जु॒हूभि॑: सिञ्च॒तीरि॑व ।
कृ॒ष्णा रू॒पाण्यर्जु॑ना॒ वि वो॒ मदे॒ विश्वा॒ अधि॒ श्रियो॑ धिषे॒ विव॑क्षसे ॥३॥
यम॑ग्ने॒ मन्य॑से र॒यिं सह॑सावन्नमर्त्य ।
तमा नो॒ वाज॑सातये॒ वि वो॒ मदे॑ य॒ज्ञेषु॑ चि॒त्रमा भ॑रा॒ विव॑क्षसे ॥४॥
अ॒ग्निर्जा॒तो अथ॑र्वणा वि॒दद्विश्वा॑नि॒ काव्या॑ ।
भुव॑द्दू॒तो वि॒वस्व॑तो॒ वि वो॒ मदे॑ प्रि॒यो य॒मस्य॒ काम्यो॒ विव॑क्षसे ॥५॥
त्वां य॒ज्ञेष्वी॑ळ॒तेऽग्ने॑ प्रय॒त्य॑ध्व॒रे ।
त्वं वसू॑नि॒ काम्या॒ वि वो॒ मदे॒ विश्वा॑ दधासि दा॒शुषे॒ विव॑क्षसे ॥६॥
त्वां य॒ज्ञेष्वृ॒त्विजं॒ चारु॑मग्ने॒ नि षे॑दिरे ।
घृ॒तप्र॑तीकं॒ मनु॑षो॒ वि वो॒ मदे॑ शु॒क्रं चेति॑ष्ठम॒क्षभि॒र्विव॑क्षसे ॥७॥
अग्ने॑ शु॒क्रेण॑ शो॒चिषो॒रु प्र॑थयसे बृ॒हत् ।
अ॒भि॒क्रन्द॑न्वृषायसे॒ वि वो॒ मदे॒ गर्भं॑ दधासि जा॒मिषु॒ विव॑क्षसे ॥८॥
आग्निं न स्ववृ॑क्तिभि॒र्होता॑रं त्वा वृणीमहे ।
य॒ज्ञाय॑ स्ती॒र्णब॑र्हिषे॒ वि वो॒ मदे॑ शी॒रं पा॑व॒कशो॑चिषं॒ विव॑क्षसे ॥१॥
त्वामु॒ ते स्वा॒भुव॑: शु॒म्भन्त्यश्व॑राधसः ।
वेति॒ त्वामु॑प॒सेच॑नी॒ वि वो॒ मद॒ ऋजी॑तिरग्न॒ आहु॑ति॒र्विव॑क्षसे ॥२॥
त्वे ध॒र्माण॑ आसते जु॒हूभि॑: सिञ्च॒तीरि॑व ।
कृ॒ष्णा रू॒पाण्यर्जु॑ना॒ वि वो॒ मदे॒ विश्वा॒ अधि॒ श्रियो॑ धिषे॒ विव॑क्षसे ॥३॥
यम॑ग्ने॒ मन्य॑से र॒यिं सह॑सावन्नमर्त्य ।
तमा नो॒ वाज॑सातये॒ वि वो॒ मदे॑ य॒ज्ञेषु॑ चि॒त्रमा भ॑रा॒ विव॑क्षसे ॥४॥
अ॒ग्निर्जा॒तो अथ॑र्वणा वि॒दद्विश्वा॑नि॒ काव्या॑ ।
भुव॑द्दू॒तो वि॒वस्व॑तो॒ वि वो॒ मदे॑ प्रि॒यो य॒मस्य॒ काम्यो॒ विव॑क्षसे ॥५॥
त्वां य॒ज्ञेष्वी॑ळ॒तेऽग्ने॑ प्रय॒त्य॑ध्व॒रे ।
त्वं वसू॑नि॒ काम्या॒ वि वो॒ मदे॒ विश्वा॑ दधासि दा॒शुषे॒ विव॑क्षसे ॥६॥
त्वां य॒ज्ञेष्वृ॒त्विजं॒ चारु॑मग्ने॒ नि षे॑दिरे ।
घृ॒तप्र॑तीकं॒ मनु॑षो॒ वि वो॒ मदे॑ शु॒क्रं चेति॑ष्ठम॒क्षभि॒र्विव॑क्षसे ॥७॥
अग्ने॑ शु॒क्रेण॑ शो॒चिषो॒रु प्र॑थयसे बृ॒हत् ।
अ॒भि॒क्रन्द॑न्वृषायसे॒ वि वो॒ मदे॒ गर्भं॑ दधासि जा॒मिषु॒ विव॑क्षसे ॥८॥