SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 10
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 10 Sukta 181
A
A+
३ क्रमेण- प्रथो वासिष्ठः, सप्रथो भारद्वाजः, धर्मः सौर्यः। विश्वेदेवाः। त्रिष्टुप्।
प्रथ॑श्च॒ यस्य॑ स॒प्रथ॑श्च॒ नामाऽऽनु॑ष्टुभस्य ह॒विषो॑ ह॒विर्यत् ।
धा॒तुर्द्युता॑नात्सवि॒तुश्च॒ विष्णो॑ रथंत॒रमा ज॑भारा॒ वसि॑ष्ठः ॥१॥
अवि॑न्द॒न्ते अति॑हितं॒ यदासी॑द्य॒ज्ञस्य॒ धाम॑ पर॒मं गुहा॒ यत् ।
धा॒तुर्द्युता॑नात्सवि॒तुश्च॒ विष्णो॑र्भ॒रद्वा॑जो बृ॒हदा च॑क्रे अ॒ग्नेः ॥२॥
ते॑ऽविन्द॒न्मन॑सा॒ दीध्या॑ना॒ यजु॑: ष्क॒न्नं प्र॑थ॒मं दे॑व॒यान॑म् ।
धा॒तुर्द्युता॑नात्सवि॒तुश्च॒ विष्णो॒रा सूर्या॑दभरन्घ॒र्ममे॒ते ॥३॥
प्रथ॑श्च॒ यस्य॑ स॒प्रथ॑श्च॒ नामाऽऽनु॑ष्टुभस्य ह॒विषो॑ ह॒विर्यत् ।
धा॒तुर्द्युता॑नात्सवि॒तुश्च॒ विष्णो॑ रथंत॒रमा ज॑भारा॒ वसि॑ष्ठः ॥१॥
अवि॑न्द॒न्ते अति॑हितं॒ यदासी॑द्य॒ज्ञस्य॒ धाम॑ पर॒मं गुहा॒ यत् ।
धा॒तुर्द्युता॑नात्सवि॒तुश्च॒ विष्णो॑र्भ॒रद्वा॑जो बृ॒हदा च॑क्रे अ॒ग्नेः ॥२॥
ते॑ऽविन्द॒न्मन॑सा॒ दीध्या॑ना॒ यजु॑: ष्क॒न्नं प्र॑थ॒मं दे॑व॒यान॑म् ।
धा॒तुर्द्युता॑नात्सवि॒तुश्च॒ विष्णो॒रा सूर्या॑दभरन्घ॒र्ममे॒ते ॥३॥