SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 10
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 10 Sukta 033
A
A+
९कवष ऐलूषः। १ विश्वेदेवाः, २-३ इन्द्रः, ४-५ कुरुश्रवणस्त्रासदस्यवः, ६-९ उपमश्रवा मैत्रातिथिः। १ त्रिष्टुप् , प्रगाथः = ( २ बृहती, ३ सतोबृहती ),४-९ गायत्री ।
प्र मा॑ युयुज्रे प्र॒युजो॒ जना॑नां॒ वहा॑मि स्म पू॒षण॒मन्त॑रेण ।
विश्वे॑ दे॒वासो॒ अध॒ माम॑रक्षन्दु॒:शासु॒रागा॒दिति॒ घोष॑ आसीत् ॥१॥
सं मा॑ तपन्त्य॒भित॑: स॒पत्नी॑रिव॒ पर्श॑वः । नि बा॑धते॒ अम॑तिर्न॒ग्नता॒ जसु॒र्वेर्न वे॑वीयते म॒तिः ॥२॥
मूषो॒ न शि॒श्ना व्य॑दन्ति मा॒ध्य॑ स्तो॒तारं॑ ते शतक्रतो । स॒कृत्सु नो॑ मघवन्निन्द्र मृळ॒याऽधा॑ पि॒तेव॑ नो भव ॥३॥
कु॒रु॒श्रव॑णमावृणि॒ राजा॑नं॒ त्रास॑दस्यवम् । मंहि॑ष्ठं वा॒घता॒मृषि॑: ॥४॥
यस्य॑ मा ह॒रितो॒ रथे॑ ति॒स्रो वह॑न्ति साधु॒या । स्तवै॑ स॒हस्र॑दक्षिणे ॥५॥
यस्य॒ प्रस्वा॑दसो॒ गिर॑ उप॒मश्र॑वसः पि॒तुः । क्षेत्रं॒ न र॒ण्वमू॒चुषे॑ ॥६॥
अधि॑ पुत्रोपमश्रवो॒ नपा॑न्मित्रातिथेरिहि । पि॒तुष्टे॑ अस्मि वन्दि॒ता ॥७॥
यदीशी॑या॒मृता॑नामु॒त वा॒ मर्त्या॑नाम् । जीवे॒दिन्म॒घवा॒ मम॑ ॥८॥
न दे॒वाना॒मति॑ व्र॒तं श॒तात्मा॑ च॒न जी॑वति । तथा॑ यु॒जा वि वा॑वृते ॥९॥
प्र मा॑ युयुज्रे प्र॒युजो॒ जना॑नां॒ वहा॑मि स्म पू॒षण॒मन्त॑रेण ।
विश्वे॑ दे॒वासो॒ अध॒ माम॑रक्षन्दु॒:शासु॒रागा॒दिति॒ घोष॑ आसीत् ॥१॥
सं मा॑ तपन्त्य॒भित॑: स॒पत्नी॑रिव॒ पर्श॑वः । नि बा॑धते॒ अम॑तिर्न॒ग्नता॒ जसु॒र्वेर्न वे॑वीयते म॒तिः ॥२॥
मूषो॒ न शि॒श्ना व्य॑दन्ति मा॒ध्य॑ स्तो॒तारं॑ ते शतक्रतो । स॒कृत्सु नो॑ मघवन्निन्द्र मृळ॒याऽधा॑ पि॒तेव॑ नो भव ॥३॥
कु॒रु॒श्रव॑णमावृणि॒ राजा॑नं॒ त्रास॑दस्यवम् । मंहि॑ष्ठं वा॒घता॒मृषि॑: ॥४॥
यस्य॑ मा ह॒रितो॒ रथे॑ ति॒स्रो वह॑न्ति साधु॒या । स्तवै॑ स॒हस्र॑दक्षिणे ॥५॥
यस्य॒ प्रस्वा॑दसो॒ गिर॑ उप॒मश्र॑वसः पि॒तुः । क्षेत्रं॒ न र॒ण्वमू॒चुषे॑ ॥६॥
अधि॑ पुत्रोपमश्रवो॒ नपा॑न्मित्रातिथेरिहि । पि॒तुष्टे॑ अस्मि वन्दि॒ता ॥७॥
यदीशी॑या॒मृता॑नामु॒त वा॒ मर्त्या॑नाम् । जीवे॒दिन्म॒घवा॒ मम॑ ॥८॥
न दे॒वाना॒मति॑ व्र॒तं श॒तात्मा॑ च॒न जी॑वति । तथा॑ यु॒जा वि वा॑वृते ॥९॥