SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 10
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 10 Sukta 137
A
A+
७,१ भरद्वाज:, २ कश्यपः, ३ गौतमः, ४ अत्रिः, ५ विश्वामित्रः, ६ जमदग्निः, ७ वसिष्ठः। विश्वेदेवाः। अनुष्टुप्।
उ॒त दे॑वा॒ अव॑हितं॒ देवा॒ उन्न॑यथा॒ पुन॑: । उ॒ताग॑श्च॒क्रुषं॑ देवा॒ देवा॑ जी॒वय॑था॒ पुन॑: ॥१॥
द्वावि॒मौ वातौ॑ वात॒ आ सिन्धो॒रा प॑रा॒वत॑: । दक्षं॑ ते अ॒न्य आ वा॑तु॒ परा॒न्यो वा॑तु॒ यद्रप॑: ॥२॥
आ वा॑त वाहि भेष॒जं वि वा॑त वाहि॒ यद्रप॑: । त्वं हि वि॒श्वभे॑षजो दे॒वानां॑ दू॒त ईय॑से ॥३॥
आ त्वा॑गमं॒ शंता॑तिभि॒रथो॑ अरि॒ष्टता॑तिभिः । दक्षं॑ ते भ॒द्रमाभा॑र्षं॒ परा॒ यक्ष्मं॑ सुवामि ते ॥४॥
त्राय॑न्तामि॒ह दे॒वास्त्राय॑तां म॒रुतां॑ ग॒णः । त्राय॑न्तां॒ विश्वा॑ भू॒तानि॒ यथा॒यम॑र॒पा अस॑त् ॥५॥
आप॒ इद्वा उ॑ भेष॒जीरापो॑ अमीव॒चात॑नीः । आप॒: सर्व॑स्य भेष॒जीस्तास्ते॑ कृण्वन्तु भेष॒जम् ॥६॥
हस्ता॑भ्यां॒ दश॑शाखाभ्यां जि॒ह्वा वा॒चः पु॑रोग॒वी । अ॒ना॒म॒यि॒त्नुभ्यां॑ त्वा॒ ताभ्यां॒ त्वोप॑ स्पृशामसि ॥७॥
उ॒त दे॑वा॒ अव॑हितं॒ देवा॒ उन्न॑यथा॒ पुन॑: । उ॒ताग॑श्च॒क्रुषं॑ देवा॒ देवा॑ जी॒वय॑था॒ पुन॑: ॥१॥
द्वावि॒मौ वातौ॑ वात॒ आ सिन्धो॒रा प॑रा॒वत॑: । दक्षं॑ ते अ॒न्य आ वा॑तु॒ परा॒न्यो वा॑तु॒ यद्रप॑: ॥२॥
आ वा॑त वाहि भेष॒जं वि वा॑त वाहि॒ यद्रप॑: । त्वं हि वि॒श्वभे॑षजो दे॒वानां॑ दू॒त ईय॑से ॥३॥
आ त्वा॑गमं॒ शंता॑तिभि॒रथो॑ अरि॒ष्टता॑तिभिः । दक्षं॑ ते भ॒द्रमाभा॑र्षं॒ परा॒ यक्ष्मं॑ सुवामि ते ॥४॥
त्राय॑न्तामि॒ह दे॒वास्त्राय॑तां म॒रुतां॑ ग॒णः । त्राय॑न्तां॒ विश्वा॑ भू॒तानि॒ यथा॒यम॑र॒पा अस॑त् ॥५॥
आप॒ इद्वा उ॑ भेष॒जीरापो॑ अमीव॒चात॑नीः । आप॒: सर्व॑स्य भेष॒जीस्तास्ते॑ कृण्वन्तु भेष॒जम् ॥६॥
हस्ता॑भ्यां॒ दश॑शाखाभ्यां जि॒ह्वा वा॒चः पु॑रोग॒वी । अ॒ना॒म॒यि॒त्नुभ्यां॑ त्वा॒ ताभ्यां॒ त्वोप॑ स्पृशामसि ॥७॥