SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 10
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 10 Sukta 072
A
A+
९ लौक्यो बृहस्पतिः, बृहस्पतिरांगिरसो वा, दाक्षायणी अदितिर्वा। देवाः। अनुष्टुप्।
दे॒वानां॒ नु व॒यं जाना॒ प्र वो॑चाम विप॒न्यया॑ । उ॒क्थेषु॑ श॒स्यमा॑नेषु॒ यः पश्या॒दुत्त॑रे यु॒गे ॥१॥
ब्रह्म॑ण॒स्पति॑रे॒ता सं क॒र्मार॑ इवाधमत् । दे॒वानां॑ पू॒र्व्ये यु॒गेऽस॑त॒: सद॑जायत ॥२॥
दे॒वानां॑ यु॒गे प्र॑थ॒मेऽस॑त॒: सद॑जायत । तदाशा॒ अन्व॑जायन्त॒ तदु॑त्ता॒नप॑द॒स्परि॑ ॥३॥
भूर्ज॑ज्ञ उत्ता॒नप॑दो भु॒व आशा॑ अजायन्त । अदि॑ते॒र्दक्षो॑ अजायत॒ दक्षा॒द्वदि॑ति॒: परि॑ ॥४॥
अदि॑ति॒र्ह्यज॑निष्ट॒ दक्ष॒ या दु॑हि॒ता तव॑ । तां दे॒वा अन्व॑जायन्त भ॒द्रा अ॒मृत॑बन्धवः ॥५॥
यद्दे॑वा अ॒दः स॑लि॒ले सुसं॑रब्धा॒ अति॑ष्ठत । अत्रा॑ वो॒ नृत्य॑तामिव ती॒व्रो रे॒णुरपा॑यत ॥६॥
यद्दे॑वा॒ यत॑यो यथा॒ भुव॑ना॒न्यपि॑न्वत । अत्रा॑ समु॒द्र आ गू॒ळ्हमा सूर्य॑मजभर्तन ॥७॥
अ॒ष्टौ पु॒त्रासो॒ अदि॑ते॒र्ये जा॒तास्त॒न्व१स्परि॑ । दे॒वाँ उप॒ प्रैत्स॒प्तभि॒: परा॑ मार्ता॒ण्डमा॑स्यत् ॥८॥
स॒प्तभि॑: पु॒त्रैरदि॑ति॒रुप॒ प्रैत्पू॒र्व्यं यु॒गम् । प्र॒जायै॑ मृ॒त्यवे॑ त्व॒त्पुन॑र्मार्ता॒ण्डमाभ॑रत् ॥९॥
दे॒वानां॒ नु व॒यं जाना॒ प्र वो॑चाम विप॒न्यया॑ । उ॒क्थेषु॑ श॒स्यमा॑नेषु॒ यः पश्या॒दुत्त॑रे यु॒गे ॥१॥
ब्रह्म॑ण॒स्पति॑रे॒ता सं क॒र्मार॑ इवाधमत् । दे॒वानां॑ पू॒र्व्ये यु॒गेऽस॑त॒: सद॑जायत ॥२॥
दे॒वानां॑ यु॒गे प्र॑थ॒मेऽस॑त॒: सद॑जायत । तदाशा॒ अन्व॑जायन्त॒ तदु॑त्ता॒नप॑द॒स्परि॑ ॥३॥
भूर्ज॑ज्ञ उत्ता॒नप॑दो भु॒व आशा॑ अजायन्त । अदि॑ते॒र्दक्षो॑ अजायत॒ दक्षा॒द्वदि॑ति॒: परि॑ ॥४॥
अदि॑ति॒र्ह्यज॑निष्ट॒ दक्ष॒ या दु॑हि॒ता तव॑ । तां दे॒वा अन्व॑जायन्त भ॒द्रा अ॒मृत॑बन्धवः ॥५॥
यद्दे॑वा अ॒दः स॑लि॒ले सुसं॑रब्धा॒ अति॑ष्ठत । अत्रा॑ वो॒ नृत्य॑तामिव ती॒व्रो रे॒णुरपा॑यत ॥६॥
यद्दे॑वा॒ यत॑यो यथा॒ भुव॑ना॒न्यपि॑न्वत । अत्रा॑ समु॒द्र आ गू॒ळ्हमा सूर्य॑मजभर्तन ॥७॥
अ॒ष्टौ पु॒त्रासो॒ अदि॑ते॒र्ये जा॒तास्त॒न्व१स्परि॑ । दे॒वाँ उप॒ प्रैत्स॒प्तभि॒: परा॑ मार्ता॒ण्डमा॑स्यत् ॥८॥
स॒प्तभि॑: पु॒त्रैरदि॑ति॒रुप॒ प्रैत्पू॒र्व्यं यु॒गम् । प्र॒जायै॑ मृ॒त्यवे॑ त्व॒त्पुन॑र्मार्ता॒ण्डमाभ॑रत् ॥९॥