SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 10
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 10 Sukta 109
A
A+
७ जुहूर्ब्रह्मजाया, ब्राह्मः ऊर्ध्वनाभा वा।विश्वेदेवाः। त्रिष्टुप् , ६-७ अनुष्टुप्।
ते॑ऽवदन्प्रथ॒मा ब्र॑ह्मकिल्बि॒षेऽकू॑पारः सलि॒लो मा॑त॒रिश्वा॑ ।
वी॒ळुह॑रा॒स्तप॑ उ॒ग्रो म॑यो॒भूरापो॑ दे॒वीः प्र॑थम॒जा ऋ॒तेन॑ ॥१॥
सोमो॒ राजा॑ प्रथ॒मो ब्र॑ह्मजा॒यां पुन॒: प्राय॑च्छ॒दहृ॑णीयमानः ।
अ॒न्व॒र्ति॒ता वरु॑णो मि॒त्र आ॑सीद॒ग्निर्होता॑ हस्त॒गृह्या नि॑नाय ॥२॥
हस्ते॑नै॒व ग्रा॒ह्य॑ आ॒धिर॑स्या ब्रह्मजा॒येयमिति॒ चेदवो॑चन् ।
न दू॒ताय॑ प्र॒ह्ये॑ तस्थ ए॒षा तथा॑ रा॒ष्ट्रं गु॑पि॒तं क्ष॒त्रिय॑स्य ॥३॥
दे॒वा ए॒तस्या॑मवदन्त॒ पूर्वे॑ सप्तऋ॒षय॒स्तप॑से॒ ये नि॑षे॒दुः ।
भी॒मा जा॒या ब्रा॑ह्म॒णस्योप॑नीता दु॒र्धां द॑धाति पर॒मे व्यो॑मन् ॥४॥
ब्र॒ह्म॒चा॒री च॑रति॒ वेवि॑ष॒द्विष॒: स दे॒वानां॑ भव॒त्येक॒मङ्ग॑म् ।
तेन॑ जा॒यामन्व॑विन्द॒द्बृह॒स्पति॒: सोमे॑न नी॒तां जु॒ह्वं१ न दे॑वाः ॥५॥
पुन॒र्वै दे॒वा अ॑ददु॒: पुन॑र्मनु॒ष्या॑ उ॒त । राजा॑नः स॒त्यं कृ॑ण्वा॒ना ब्र॑ह्मजा॒यां पुन॑र्ददुः ॥६॥
पु॒न॒र्दाय॑ ब्रह्मजा॒यां कृ॒त्वी दे॒वैर्नि॑किल्बि॒षम् । ऊर्जं॑ पृथि॒व्या भ॒क्त्वायो॑रुगा॒यमुपा॑सते ॥७॥
ते॑ऽवदन्प्रथ॒मा ब्र॑ह्मकिल्बि॒षेऽकू॑पारः सलि॒लो मा॑त॒रिश्वा॑ ।
वी॒ळुह॑रा॒स्तप॑ उ॒ग्रो म॑यो॒भूरापो॑ दे॒वीः प्र॑थम॒जा ऋ॒तेन॑ ॥१॥
सोमो॒ राजा॑ प्रथ॒मो ब्र॑ह्मजा॒यां पुन॒: प्राय॑च्छ॒दहृ॑णीयमानः ।
अ॒न्व॒र्ति॒ता वरु॑णो मि॒त्र आ॑सीद॒ग्निर्होता॑ हस्त॒गृह्या नि॑नाय ॥२॥
हस्ते॑नै॒व ग्रा॒ह्य॑ आ॒धिर॑स्या ब्रह्मजा॒येयमिति॒ चेदवो॑चन् ।
न दू॒ताय॑ प्र॒ह्ये॑ तस्थ ए॒षा तथा॑ रा॒ष्ट्रं गु॑पि॒तं क्ष॒त्रिय॑स्य ॥३॥
दे॒वा ए॒तस्या॑मवदन्त॒ पूर्वे॑ सप्तऋ॒षय॒स्तप॑से॒ ये नि॑षे॒दुः ।
भी॒मा जा॒या ब्रा॑ह्म॒णस्योप॑नीता दु॒र्धां द॑धाति पर॒मे व्यो॑मन् ॥४॥
ब्र॒ह्म॒चा॒री च॑रति॒ वेवि॑ष॒द्विष॒: स दे॒वानां॑ भव॒त्येक॒मङ्ग॑म् ।
तेन॑ जा॒यामन्व॑विन्द॒द्बृह॒स्पति॒: सोमे॑न नी॒तां जु॒ह्वं१ न दे॑वाः ॥५॥
पुन॒र्वै दे॒वा अ॑ददु॒: पुन॑र्मनु॒ष्या॑ उ॒त । राजा॑नः स॒त्यं कृ॑ण्वा॒ना ब्र॑ह्मजा॒यां पुन॑र्ददुः ॥६॥
पु॒न॒र्दाय॑ ब्रह्मजा॒यां कृ॒त्वी दे॒वैर्नि॑किल्बि॒षम् । ऊर्जं॑ पृथि॒व्या भ॒क्त्वायो॑रुगा॒यमुपा॑सते ॥७॥