SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 10
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 10 Sukta 004
A
A+
७ त्रित आप्त्यः। अग्निः। त्रिष्टुप्।
प्र ते॑ यक्षि॒ प्र त॑ इयर्मि॒ मन्म॒ भुवो॒ यथा॒ वन्द्यो॑ नो॒ हवे॑षु ।
धन्व॑न्निव प्र॒पा अ॑सि॒ त्वम॑ग्न इय॒क्षवे॑ पू॒रवे॑ प्रत्न राजन् ॥१॥
यं त्वा॒ जना॑सो अ॒भि सं॒चर॑न्ति॒ गाव॑ उ॒ष्णमि॑व व्र॒जं य॑विष्ठ ।
दू॒तो दे॒वाना॑मसि॒ मर्त्या॑नाम॒न्तर्म॒हाँश्च॑रसि रोच॒नेन॑ ॥२॥
शिशुं॒ न त्वा॒ जेन्यं॑ व॒र्धय॑न्ती मा॒ता बि॑भर्ति सचन॒स्यमा॑ना ।
धनो॒रधि॑ प्र॒वता॑ यासि॒ हर्य॒ञ्जिगी॑षसे प॒शुरि॒वाव॑सृष्टः ॥३॥
मू॒रा अ॑मूर॒ न व॒यं चि॑कित्वो महि॒त्वम॑ग्ने॒ त्वम॒ङ्ग वि॑त्से ।
शये॑ व॒व्रिश्चर॑ति जि॒ह्वया॒दन्रे॑रि॒ह्यते॑ युव॒तिं वि॒श्पति॒: सन् ॥४॥
कूचि॑ज्जायते॒ सन॑यासु॒ नव्यो॒ वने॑ तस्थौ पलि॒तो धू॒मके॑तुः ।
अ॒स्ना॒तापो॑ वृष॒भो न प्र वे॑ति॒ सचे॑तसो॒ यं प्र॒णय॑न्त॒ मर्ता॑: ॥५॥
त॒नू॒त्यजे॑व॒ तस्क॑रा वन॒र्गू र॑श॒नाभि॑र्द॒शभि॑र॒भ्य॑धीताम् ।
इ॒यं ते॑ अग्ने॒ नव्य॑सी मनी॒षा यु॒क्ष्वा रथं॒ न शु॒चय॑द्भि॒रङ्गै॑: ॥६॥
ब्रह्म॑ च ते जातवेदो॒ नम॑श्चे॒यं च॒ गीः सद॒मिद्वर्ध॑नी भूत् ।
रक्षा॑ णो अग्ने॒ तन॑यानि तो॒का रक्षो॒त न॑स्त॒न्वो॒३ अप्र॑युच्छन् ॥७॥
प्र ते॑ यक्षि॒ प्र त॑ इयर्मि॒ मन्म॒ भुवो॒ यथा॒ वन्द्यो॑ नो॒ हवे॑षु ।
धन्व॑न्निव प्र॒पा अ॑सि॒ त्वम॑ग्न इय॒क्षवे॑ पू॒रवे॑ प्रत्न राजन् ॥१॥
यं त्वा॒ जना॑सो अ॒भि सं॒चर॑न्ति॒ गाव॑ उ॒ष्णमि॑व व्र॒जं य॑विष्ठ ।
दू॒तो दे॒वाना॑मसि॒ मर्त्या॑नाम॒न्तर्म॒हाँश्च॑रसि रोच॒नेन॑ ॥२॥
शिशुं॒ न त्वा॒ जेन्यं॑ व॒र्धय॑न्ती मा॒ता बि॑भर्ति सचन॒स्यमा॑ना ।
धनो॒रधि॑ प्र॒वता॑ यासि॒ हर्य॒ञ्जिगी॑षसे प॒शुरि॒वाव॑सृष्टः ॥३॥
मू॒रा अ॑मूर॒ न व॒यं चि॑कित्वो महि॒त्वम॑ग्ने॒ त्वम॒ङ्ग वि॑त्से ।
शये॑ व॒व्रिश्चर॑ति जि॒ह्वया॒दन्रे॑रि॒ह्यते॑ युव॒तिं वि॒श्पति॒: सन् ॥४॥
कूचि॑ज्जायते॒ सन॑यासु॒ नव्यो॒ वने॑ तस्थौ पलि॒तो धू॒मके॑तुः ।
अ॒स्ना॒तापो॑ वृष॒भो न प्र वे॑ति॒ सचे॑तसो॒ यं प्र॒णय॑न्त॒ मर्ता॑: ॥५॥
त॒नू॒त्यजे॑व॒ तस्क॑रा वन॒र्गू र॑श॒नाभि॑र्द॒शभि॑र॒भ्य॑धीताम् ।
इ॒यं ते॑ अग्ने॒ नव्य॑सी मनी॒षा यु॒क्ष्वा रथं॒ न शु॒चय॑द्भि॒रङ्गै॑: ॥६॥
ब्रह्म॑ च ते जातवेदो॒ नम॑श्चे॒यं च॒ गीः सद॒मिद्वर्ध॑नी भूत् ।
रक्षा॑ णो अग्ने॒ तन॑यानि तो॒का रक्षो॒त न॑स्त॒न्वो॒३ अप्र॑युच्छन् ॥७॥