SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 10
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 10 Sukta 171
A
A+
४ इटो भार्गवः। इन्द्रः। गायत्री।
त्वं त्यमि॒टतो॒ रथ॒मिन्द्र॒ प्राव॑: सु॒ताव॑तः । अशृ॑णोः सो॒मिनो॒ हव॑म् ॥१॥
त्वं म॒खस्य॒ दोध॑त॒: शिरोऽव॑ त्व॒चो भ॑रः । अग॑च्छः सो॒मिनो॑ गृ॒हम् ॥२॥
त्वं त्यमि॑न्द्र॒ मर्त्य॑मास्त्रबु॒ध्नाय॑ वे॒न्यम् । मुहु॑: श्रथ्ना मन॒स्यवे॑ ॥३॥
त्वं त्यमि॑न्द्र॒ सूर्यं॑ प॒श्चा सन्तं॑ पु॒रस्कृ॑धि । दे॒वानां॑ चित्ति॒रो वश॑म् ॥४॥
त्वं त्यमि॒टतो॒ रथ॒मिन्द्र॒ प्राव॑: सु॒ताव॑तः । अशृ॑णोः सो॒मिनो॒ हव॑म् ॥१॥
त्वं म॒खस्य॒ दोध॑त॒: शिरोऽव॑ त्व॒चो भ॑रः । अग॑च्छः सो॒मिनो॑ गृ॒हम् ॥२॥
त्वं त्यमि॑न्द्र॒ मर्त्य॑मास्त्रबु॒ध्नाय॑ वे॒न्यम् । मुहु॑: श्रथ्ना मन॒स्यवे॑ ॥३॥
त्वं त्यमि॑न्द्र॒ सूर्यं॑ प॒श्चा सन्तं॑ पु॒रस्कृ॑धि । दे॒वानां॑ चित्ति॒रो वश॑म् ॥४॥