SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 10
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 10 Sukta 126
A
A+
८ शैलूषिः कुल्मलबर्हिषो, वामदेव्योऽहोमुग्वा। विश्वेदेवाः। उपरिष्टाद्बृहती,८ त्रिष्टुप्।
न तमंहो॒ न दु॑रि॒तं देवा॑सो अष्ट॒ मर्त्य॑म् । स॒जोष॑सो॒ यम॑र्य॒मा मि॒त्रो नय॑न्ति॒ वरु॑णो॒ अति॒ द्विष॑: ॥१॥
तद्धि व॒यं वृ॑णी॒महे॒ वरु॑ण॒ मित्रार्य॑मन् । येना॒ निरंह॑सो यू॒यं पा॒थ ने॒था च॒ मर्त्य॒मति॒ द्विष॑: ॥२॥
ते नू॒नं नो॒ऽयमू॒तये॒ वरु॑णो मि॒त्रो अ॑र्य॒मा । नयि॑ष्ठा उ नो ने॒षणि॒ पर्षि॑ष्ठा उ नः प॒र्षण्यति॒ द्विष॑: ॥३॥
यू॒यं विश्वं॒ परि॑ पाथ॒ वरु॑णो मि॒त्रो अ॑र्य॒मा । यु॒ष्माकं॒ शर्म॑णि प्रि॒ये स्याम॑ सुप्रणीत॒योऽति॒ द्विष॑: ॥४॥
आ॒दि॒त्यासो॒ अति॒ स्रिधो॒ वरु॑णो मि॒त्रो अ॑र्य॒मा । उ॒ग्रं म॒रुद्भी॑ रु॒द्रं हु॑वे॒मेन्द्र॑म॒ग्निं स्व॒स्तयेऽति॒ द्विष॑: ॥५॥
नेता॑र ऊ॒ षु ण॑स्ति॒रो वरु॑णो मि॒त्रो अ॑र्य॒मा । अति॒ विश्वा॑नि दुरि॒ता राजा॑नश्चर्षणी॒नामति॒ द्विष॑: ॥६॥
शु॒नम॒स्मभ्य॑मू॒तये॒ वरु॑णो मि॒त्रो अ॑र्य॒मा । शर्म॑ यच्छन्तु स॒प्रथ॑ आदि॒त्यासो॒ यदीम॑हे॒ अति॒ द्विष॑: ॥७॥
यथा॑ ह॒ त्यद्व॑सवो गौ॒र्यं॑ चित्प॒दि षि॒ताममु॑ञ्चता यजत्राः ।
ए॒वो ष्व१स्मन्मु॑ञ्चता॒ व्यंह॒: प्र ता॑र्यग्ने प्रत॒रं न॒ आयु॑: ॥८॥
न तमंहो॒ न दु॑रि॒तं देवा॑सो अष्ट॒ मर्त्य॑म् । स॒जोष॑सो॒ यम॑र्य॒मा मि॒त्रो नय॑न्ति॒ वरु॑णो॒ अति॒ द्विष॑: ॥१॥
तद्धि व॒यं वृ॑णी॒महे॒ वरु॑ण॒ मित्रार्य॑मन् । येना॒ निरंह॑सो यू॒यं पा॒थ ने॒था च॒ मर्त्य॒मति॒ द्विष॑: ॥२॥
ते नू॒नं नो॒ऽयमू॒तये॒ वरु॑णो मि॒त्रो अ॑र्य॒मा । नयि॑ष्ठा उ नो ने॒षणि॒ पर्षि॑ष्ठा उ नः प॒र्षण्यति॒ द्विष॑: ॥३॥
यू॒यं विश्वं॒ परि॑ पाथ॒ वरु॑णो मि॒त्रो अ॑र्य॒मा । यु॒ष्माकं॒ शर्म॑णि प्रि॒ये स्याम॑ सुप्रणीत॒योऽति॒ द्विष॑: ॥४॥
आ॒दि॒त्यासो॒ अति॒ स्रिधो॒ वरु॑णो मि॒त्रो अ॑र्य॒मा । उ॒ग्रं म॒रुद्भी॑ रु॒द्रं हु॑वे॒मेन्द्र॑म॒ग्निं स्व॒स्तयेऽति॒ द्विष॑: ॥५॥
नेता॑र ऊ॒ षु ण॑स्ति॒रो वरु॑णो मि॒त्रो अ॑र्य॒मा । अति॒ विश्वा॑नि दुरि॒ता राजा॑नश्चर्षणी॒नामति॒ द्विष॑: ॥६॥
शु॒नम॒स्मभ्य॑मू॒तये॒ वरु॑णो मि॒त्रो अ॑र्य॒मा । शर्म॑ यच्छन्तु स॒प्रथ॑ आदि॒त्यासो॒ यदीम॑हे॒ अति॒ द्विष॑: ॥७॥
यथा॑ ह॒ त्यद्व॑सवो गौ॒र्यं॑ चित्प॒दि षि॒ताममु॑ञ्चता यजत्राः ।
ए॒वो ष्व१स्मन्मु॑ञ्चता॒ व्यंह॒: प्र ता॑र्यग्ने प्रत॒रं न॒ आयु॑: ॥८॥