SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 10
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 10 Sukta 023
A
A+
७ ऐन्द्रो विमदः प्राजापत्यो वा, वासुक्रो वसुकृद्वा।इन्द्रः। जगतीः १,७ त्रिष्टुप् ,५ अभिसारिणी।
यजा॑मह॒ इन्द्रं॒ वज्र॑दक्षिणं॒ हरी॑णां र॒थ्यं१ विव्र॑तानाम् ।
प्र श्मश्रु॒ दोधु॑वदू॒र्ध्वथा॑ भू॒द्वि सेना॑भि॒र्दय॑मानो॒ वि राध॑सा ॥१॥
हरी॒ न्व॑स्य॒ या वने॑ वि॒दे वस्विन्द्रो॑ म॒घैर्म॒घवा॑ वृत्र॒हा भु॑वत् ।
ऋ॒भुर्वाज॑ ऋभु॒क्षाः प॑त्यते॒ शवोऽव॑ क्ष्णौमि॒ दास॑स्य॒ नाम॑ चित् ॥२॥
य॒दा वज्रं॒ हिर॑ण्य॒मिदथा॒ रथं॒ हरी॒ यम॑स्य॒ वह॑तो॒ वि सू॒रिभि॑: ।
आ ति॑ष्ठति म॒घवा॒ सन॑श्रुत॒ इन्द्रो॒ वाज॑स्य दी॒र्घश्र॑वस॒स्पति॑: ॥३॥
सो चि॒न्नु वृ॒ष्टिर्यू॒थ्या॒३ स्वा सचाँ॒ इन्द्र॒: श्मश्रू॑णि॒ हरि॑ता॒भि प्रु॑ष्णुते ।
अव॑ वेति सु॒क्षयं॑ सु॒ते मधूदिद्धू॑नोति॒ वातो॒ यथा॒ वन॑म् ॥४॥
यो वा॒चा विवा॑चो मृ॒ध्रवा॑चः पु॒रू स॒हस्राशि॑वा ज॒घान॑ ।
तत्त॒दिद॑स्य॒ पौंस्यं॑ गृणीमसि पि॒तेव॒ यस्तवि॑षीं वावृ॒धे शव॑: ॥५॥
स्तोमं॑ त इन्द्र विम॒दा अ॑जीजन॒न्नपू॑र्व्यं पुरु॒तमं॑ सु॒दान॑वे ।
वि॒द्मा ह्य॑स्य॒ भोज॑नमि॒नस्य॒ यदा प॒शुं न गो॒पाः क॑रामहे ॥६॥
माकि॑र्न ए॒ना स॒ख्या वि यौ॑षु॒स्तव॑ चेन्द्र विम॒दस्य॑ च॒ ऋषे॑: ।
वि॒द्मा हि ते॒ प्रम॑तिं देव जामि॒वद॒स्मे ते॑ सन्तु स॒ख्या शि॒वानि॑ ॥७॥
यजा॑मह॒ इन्द्रं॒ वज्र॑दक्षिणं॒ हरी॑णां र॒थ्यं१ विव्र॑तानाम् ।
प्र श्मश्रु॒ दोधु॑वदू॒र्ध्वथा॑ भू॒द्वि सेना॑भि॒र्दय॑मानो॒ वि राध॑सा ॥१॥
हरी॒ न्व॑स्य॒ या वने॑ वि॒दे वस्विन्द्रो॑ म॒घैर्म॒घवा॑ वृत्र॒हा भु॑वत् ।
ऋ॒भुर्वाज॑ ऋभु॒क्षाः प॑त्यते॒ शवोऽव॑ क्ष्णौमि॒ दास॑स्य॒ नाम॑ चित् ॥२॥
य॒दा वज्रं॒ हिर॑ण्य॒मिदथा॒ रथं॒ हरी॒ यम॑स्य॒ वह॑तो॒ वि सू॒रिभि॑: ।
आ ति॑ष्ठति म॒घवा॒ सन॑श्रुत॒ इन्द्रो॒ वाज॑स्य दी॒र्घश्र॑वस॒स्पति॑: ॥३॥
सो चि॒न्नु वृ॒ष्टिर्यू॒थ्या॒३ स्वा सचाँ॒ इन्द्र॒: श्मश्रू॑णि॒ हरि॑ता॒भि प्रु॑ष्णुते ।
अव॑ वेति सु॒क्षयं॑ सु॒ते मधूदिद्धू॑नोति॒ वातो॒ यथा॒ वन॑म् ॥४॥
यो वा॒चा विवा॑चो मृ॒ध्रवा॑चः पु॒रू स॒हस्राशि॑वा ज॒घान॑ ।
तत्त॒दिद॑स्य॒ पौंस्यं॑ गृणीमसि पि॒तेव॒ यस्तवि॑षीं वावृ॒धे शव॑: ॥५॥
स्तोमं॑ त इन्द्र विम॒दा अ॑जीजन॒न्नपू॑र्व्यं पुरु॒तमं॑ सु॒दान॑वे ।
वि॒द्मा ह्य॑स्य॒ भोज॑नमि॒नस्य॒ यदा प॒शुं न गो॒पाः क॑रामहे ॥६॥
माकि॑र्न ए॒ना स॒ख्या वि यौ॑षु॒स्तव॑ चेन्द्र विम॒दस्य॑ च॒ ऋषे॑: ।
वि॒द्मा हि ते॒ प्रम॑तिं देव जामि॒वद॒स्मे ते॑ सन्तु स॒ख्या शि॒वानि॑ ॥७॥