SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 10
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 10 Sukta 079
A
A+
७ सौचीकोऽग्निर्वैश्वानरो वा, सप्तिर्वाजंभरो वा। अग्निः। त्रिष्टुप्।
अप॑श्यमस्य मह॒तो म॑हि॒त्वमम॑र्त्यस्य॒ मर्त्या॑सु वि॒क्षु ।
नाना॒ हनू॒ विभृ॑ते॒ सं भ॑रेते॒ असि॑न्वती॒ बप्स॑ती॒ भूर्य॑त्तः ॥१॥
गुहा॒ शिरो॒ निहि॑त॒मृध॑ग॒क्षी असि॑न्वन्नत्ति जि॒ह्वया॒ वना॑नि ।
अत्रा॑ण्यस्मै प॒ड्भिः सं भ॑रन्त्युत्ता॒नह॑स्ता॒ नम॒साधि॑ वि॒क्षु ॥२॥
प्र मा॒तुः प्र॑त॒रं गुह्य॑मि॒च्छन्कु॑मा॒रो न वी॒रुध॑: सर्पदु॒र्वीः ।
स॒सं न प॒क्वम॑विदच्छु॒चन्तं॑ रिरि॒ह्वांसं॑ रि॒प उ॒पस्थे॑ अ॒न्तः ॥३॥
तद्वा॑मृ॒तं रो॑दसी॒ प्र ब्र॑वीमि॒ जाय॑मानो मा॒तरा॒ गर्भो॑ अत्ति ।
नाहं दे॒वस्य॒ मर्त्य॑श्चिकेता॒ऽग्निर॒ङ्ग विचे॑ता॒: स प्रचे॑ताः ॥४॥
यो अ॑स्मा॒ अन्नं॑ तृ॒ष्वा॒३दधा॒त्याज्यै॑र्घृ॒तैर्जु॒होति॒ पुष्य॑ति ।
तस्मै॑ स॒हस्र॑म॒क्षभि॒र्वि च॒क्षेऽग्ने॑ वि॒श्वत॑: प्र॒त्यङ्ङ॑सि॒ त्वम् ॥५॥
किं दे॒वेषु॒ त्यज॒ एन॑श्चक॒र्थाऽग्ने॑ पृ॒च्छामि॒ नु त्वामवि॑द्वान् ।
अक्री॑ळ॒न्क्रीळ॒न्हरि॒रत्त॑वे॒ऽदन्वि प॑र्व॒शश्च॑कर्त॒ गामि॑वा॒सिः ॥६॥
विषू॑चो॒ अश्वा॑न्युयुजे वने॒जा ऋजी॑तिभी रश॒नाभि॑र्गृभी॒तान् ।
च॒क्ष॒दे मि॒त्रो वसु॑भि॒: सुजा॑त॒: समा॑नृधे॒ पर्व॑भिर्वावृधा॒नः ॥७॥
अप॑श्यमस्य मह॒तो म॑हि॒त्वमम॑र्त्यस्य॒ मर्त्या॑सु वि॒क्षु ।
नाना॒ हनू॒ विभृ॑ते॒ सं भ॑रेते॒ असि॑न्वती॒ बप्स॑ती॒ भूर्य॑त्तः ॥१॥
गुहा॒ शिरो॒ निहि॑त॒मृध॑ग॒क्षी असि॑न्वन्नत्ति जि॒ह्वया॒ वना॑नि ।
अत्रा॑ण्यस्मै प॒ड्भिः सं भ॑रन्त्युत्ता॒नह॑स्ता॒ नम॒साधि॑ वि॒क्षु ॥२॥
प्र मा॒तुः प्र॑त॒रं गुह्य॑मि॒च्छन्कु॑मा॒रो न वी॒रुध॑: सर्पदु॒र्वीः ।
स॒सं न प॒क्वम॑विदच्छु॒चन्तं॑ रिरि॒ह्वांसं॑ रि॒प उ॒पस्थे॑ अ॒न्तः ॥३॥
तद्वा॑मृ॒तं रो॑दसी॒ प्र ब्र॑वीमि॒ जाय॑मानो मा॒तरा॒ गर्भो॑ अत्ति ।
नाहं दे॒वस्य॒ मर्त्य॑श्चिकेता॒ऽग्निर॒ङ्ग विचे॑ता॒: स प्रचे॑ताः ॥४॥
यो अ॑स्मा॒ अन्नं॑ तृ॒ष्वा॒३दधा॒त्याज्यै॑र्घृ॒तैर्जु॒होति॒ पुष्य॑ति ।
तस्मै॑ स॒हस्र॑म॒क्षभि॒र्वि च॒क्षेऽग्ने॑ वि॒श्वत॑: प्र॒त्यङ्ङ॑सि॒ त्वम् ॥५॥
किं दे॒वेषु॒ त्यज॒ एन॑श्चक॒र्थाऽग्ने॑ पृ॒च्छामि॒ नु त्वामवि॑द्वान् ।
अक्री॑ळ॒न्क्रीळ॒न्हरि॒रत्त॑वे॒ऽदन्वि प॑र्व॒शश्च॑कर्त॒ गामि॑वा॒सिः ॥६॥
विषू॑चो॒ अश्वा॑न्युयुजे वने॒जा ऋजी॑तिभी रश॒नाभि॑र्गृभी॒तान् ।
च॒क्ष॒दे मि॒त्रो वसु॑भि॒: सुजा॑त॒: समा॑नृधे॒ पर्व॑भिर्वावृधा॒नः ॥७॥