वेद विश्व वाङ्मय के इतिहास में सर्व प्राचीन ग्रंथ है। । यह मानव सभ्यता के अभिन्न ज्ञान-विज्ञान, परम्परा और संस्कृति का उत्स है। यह अनादिकाल से विद्यमान पराभौतिक ज्ञान के आसुत ज्ञान का मौखिक संग्रहण है।
इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य वैदिक शास्त्रों में विद्यमान ज्ञान का सार्वभौमिक कल्याण हेतु सम्प्रेषण करना है। यह पोर्टल उपभोक्ताओं को एक ही स्थान पर वैदिक विरासत के सम्बन्ध में कोई भी सूचना जैसे अमूर्त मौखिक परम्परा, प्रकाशनों, पाण्डुलिपियों, उपकरणों, यज्ञ सम्बन्धित वस्तुओं इत्यादि एवं अन्य समस्त जानकारियों को प्रदान करता है।
पोर्टल को समृद्ध बनाने के लिए आप सभी के रचनात्मक सुझावों का हम स्वागत करते हैं।
“आ नो॑ भ॒द्रा: क्रत॑वो यन्तु वि॒श्वत॑:”
अर्थात् विश्व से कल्याणकारी विचार हमारे पास आएं (ऋग्वेद 1-89-1)