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SELECT SUKTA OF MANDALA 07
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 07 Sukta 102
A
A+
३ मैत्रावरुणिर्वसिष्ठ:।{ वृष्टिकाम:} कुमार आग्नेयो वा । पर्जन्य: । गायत्री, २ पादनिचृत ।
प॒र्जन्या॑य॒ प्र गा॑यत दि॒वस्पु॒त्राय॑ मी॒ळ्हुषे॑ । स नो॒ यव॑समिच्छतु ॥१॥
यो गर्भ॒मोष॑धीनां॒ गवां॑ कृ॒णोत्यर्व॑ताम् । प॒र्जन्य॑: पुरु॒षीणा॑म् ॥२॥
तस्मा॒ इदा॒स्ये॑ ह॒विर्जु॒होता॒ मधु॑मत्तमम् । इळां॑ नः सं॒यतं॑ करत् ॥३॥
प॒र्जन्या॑य॒ प्र गा॑यत दि॒वस्पु॒त्राय॑ मी॒ळ्हुषे॑ । स नो॒ यव॑समिच्छतु ॥१॥
यो गर्भ॒मोष॑धीनां॒ गवां॑ कृ॒णोत्यर्व॑ताम् । प॒र्जन्य॑: पुरु॒षीणा॑म् ॥२॥
तस्मा॒ इदा॒स्ये॑ ह॒विर्जु॒होता॒ मधु॑मत्तमम् । इळां॑ नः सं॒यतं॑ करत् ॥३॥