SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 07
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 07 Sukta 089
A
A+
५ मैत्रावरुणिर्वसिष्ठ:। वरुण: । गायत्री, ५ जगती।
मो षु व॑रुण मृ॒न्मयं॑ गृ॒हं रा॑जन्न॒हं ग॑मम् । मृ॒ळा सु॑क्षत्र मृ॒ळय॑ ॥१॥
यदेमि॑ प्रस्फु॒रन्नि॑व॒ दृति॒र्न ध्मा॒तो अ॑द्रिवः । मृ॒ळा सु॑क्षत्र मृ॒ळय॑ ॥२॥
क्रत्व॑: समह दी॒नता॑ प्रती॒पं ज॑गमा शुचे । मृ॒ळा सु॑क्षत्र मृ॒ळय॑ ॥३॥
अ॒पां मध्ये॑ तस्थि॒वांसं॒ तृष्णा॑विदज्जरि॒तार॑म् । मृ॒ळा सु॑क्षत्र मृ॒ळय॑ ॥४॥
यत्किं चे॒दं व॑रुण॒ दैव्ये॒ जने॑ऽभिद्रो॒हं म॑नु॒ष्या॒३श्चरा॑मसि ।
अचि॑त्ती॒ यत्तव॒ धर्मा॑ युयोपि॒म मा न॒स्तस्मा॒देन॑सो देव रीरिषः ॥५॥
मो षु व॑रुण मृ॒न्मयं॑ गृ॒हं रा॑जन्न॒हं ग॑मम् । मृ॒ळा सु॑क्षत्र मृ॒ळय॑ ॥१॥
यदेमि॑ प्रस्फु॒रन्नि॑व॒ दृति॒र्न ध्मा॒तो अ॑द्रिवः । मृ॒ळा सु॑क्षत्र मृ॒ळय॑ ॥२॥
क्रत्व॑: समह दी॒नता॑ प्रती॒पं ज॑गमा शुचे । मृ॒ळा सु॑क्षत्र मृ॒ळय॑ ॥३॥
अ॒पां मध्ये॑ तस्थि॒वांसं॒ तृष्णा॑विदज्जरि॒तार॑म् । मृ॒ळा सु॑क्षत्र मृ॒ळय॑ ॥४॥
यत्किं चे॒दं व॑रुण॒ दैव्ये॒ जने॑ऽभिद्रो॒हं म॑नु॒ष्या॒३श्चरा॑मसि ।
अचि॑त्ती॒ यत्तव॒ धर्मा॑ युयोपि॒म मा न॒स्तस्मा॒देन॑सो देव रीरिषः ॥५॥