SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 07
- 001
- 002
- 003
- 004
- 005
- 006
- 007
- 008
- 009
- 010
- 011
- 012
- 013
- 014
- 015
- 016
- 017
- 018
- 019
- 020
- 021
- 022
- 023
- 024
- 025
- 026
- 027
- 028
- 029
- 030
- 031
- 032
- 033
- 034
- 035
- 036
- 037
- 038
- 039
- 040
- 041
- 042
- 043
- 044
- 045
- 046
- 047
- 048
- 049
- 050
- 051
- 052
- 053
- 054
- 055
- 056
- 057
- 058
- 059
- 060
- 061
- 062
- 063
- 064
- 065
- 066
- 067
- 068
- 069
- 070
- 071
- 072
- 073
- 074
- 075
- 076
- 077
- 078
- 079
- 080
- 081
- 082
- 083
- 084
- 085
- 086
- 087
- 088
- 089
- 090
- 091
- 092
- 093
- 094
- 095
- 096
- 097
- 098
- 099
- 100
- 101
- 102
- 103
- 104
Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 07 Sukta 096
A
A+
६ मैत्रावरुणिर्वसिष्ठ:। सरस्वती, ४-६ सरस्वान् । १-२= प्रगाथ: (१ बृहती, २ सतोबृहती ), ३ प्रस्तारपंक्ति:, ४-६ गायत्री।
बृ॒हदु॑ गायिषे॒ वचो॑ऽसु॒र्या॑ न॒दीना॑म् ।
सर॑स्वती॒मिन्म॑हया सुवृ॒क्तिभि॒: स्तोमै॑र्वसिष्ठ॒ रोद॑सी ॥१॥
उ॒भे यत्ते॑ महि॒ना शु॑भ्रे॒ अन्ध॑सी अधिक्षि॒यन्ति॑ पू॒रव॑: ।
सा नो॑ बोध्यवि॒त्री म॒रुत्स॑खा॒ चोद॒ राधो॑ म॒घोना॑म् ॥२॥
भ॒द्रमिद्भ॒द्रा कृ॑णव॒त्सर॑स्व॒त्यक॑वारी चेतति वा॒जिनी॑वती ।
गृ॒णा॒ना ज॑मदग्नि॒वत्स्तु॑वा॒ना च॑ वसिष्ठ॒वत् ॥३॥
ज॒नी॒यन्तो॒ न्वग्र॑वः पुत्री॒यन्त॑: सु॒दान॑वः । सर॑स्वन्तं हवामहे ॥४॥
ये ते॑ सरस्व ऊ॒र्मयो॒ मधु॑मन्तो घृत॒श्चुत॑: । तेभि॑र्नोऽवि॒ता भ॑व ॥५॥
पी॒पि॒वांसं॒ सर॑स्वत॒: स्तनं॒ यो वि॒श्वद॑र्शतः । भ॒क्षी॒महि॑ प्र॒जामिष॑म् ॥६॥
बृ॒हदु॑ गायिषे॒ वचो॑ऽसु॒र्या॑ न॒दीना॑म् ।
सर॑स्वती॒मिन्म॑हया सुवृ॒क्तिभि॒: स्तोमै॑र्वसिष्ठ॒ रोद॑सी ॥१॥
उ॒भे यत्ते॑ महि॒ना शु॑भ्रे॒ अन्ध॑सी अधिक्षि॒यन्ति॑ पू॒रव॑: ।
सा नो॑ बोध्यवि॒त्री म॒रुत्स॑खा॒ चोद॒ राधो॑ म॒घोना॑म् ॥२॥
भ॒द्रमिद्भ॒द्रा कृ॑णव॒त्सर॑स्व॒त्यक॑वारी चेतति वा॒जिनी॑वती ।
गृ॒णा॒ना ज॑मदग्नि॒वत्स्तु॑वा॒ना च॑ वसिष्ठ॒वत् ॥३॥
ज॒नी॒यन्तो॒ न्वग्र॑वः पुत्री॒यन्त॑: सु॒दान॑वः । सर॑स्वन्तं हवामहे ॥४॥
ये ते॑ सरस्व ऊ॒र्मयो॒ मधु॑मन्तो घृत॒श्चुत॑: । तेभि॑र्नोऽवि॒ता भ॑व ॥५॥
पी॒पि॒वांसं॒ सर॑स्वत॒: स्तनं॒ यो वि॒श्वद॑र्शतः । भ॒क्षी॒महि॑ प्र॒जामिष॑म् ॥६॥