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SELECT SUKTA OF MANDALA 07
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 07 Sukta 050
A
A+
४ मैत्रावरुणिर्वसिष्ठ:।१ मित्रावरुणौ,२ अग्नि:, ३ विश्वे देवा:, ४नद्य: । जगती ,४ अतिजगती शक्व्वरी वा ।
आ मां मि॑त्रावरुणे॒ह र॑क्षतं कुला॒यय॑द्वि॒श्वय॒न्मा न॒ आ ग॑न् ।
अ॒ज॒का॒वं दु॒र्दृशी॑कं ति॒रो द॑धे॒ मा मां पद्ये॑न॒ रप॑सा विद॒त्त्सरु॑: ॥१॥
यद्वि॒जाम॒न्परु॑षि॒ वन्द॑नं॒ भुव॑दष्ठी॒वन्तौ॒ परि॑ कु॒ल्फौ च॒ देह॑त् ।
अ॒ग्निष्टच्छोच॒न्नप॑ बाधतामि॒तो मा मां पद्ये॑न॒ रप॑सा विद॒त्त्सरु॑: ॥२॥
यच्छ॑ल्म॒लौ भव॑ति॒ यन्न॒दीषु॒ यदोष॑धीभ्य॒: परि॒ जाय॑ते वि॒षम् ।
विश्वे॑ दे॒वा निरि॒तस्तत्सु॑वन्तु॒ मा मां पद्ये॑न॒ रप॑सा विद॒त्त्सरु॑: ॥३॥
याः प्र॒वतो॑ नि॒वत॑ उ॒द्वत॑ उद॒न्वती॑रनुद॒काश्च॒ याः ।
ता अ॒स्मभ्यं॒ पय॑सा॒ पिन्व॑मानाः शि॒वा दे॒वीर॑शिप॒दा भ॑वन्तु॒ सर्वा॑ न॒द्यो॑ अशिमि॒दा भ॑वन्तु ॥४॥
आ मां मि॑त्रावरुणे॒ह र॑क्षतं कुला॒यय॑द्वि॒श्वय॒न्मा न॒ आ ग॑न् ।
अ॒ज॒का॒वं दु॒र्दृशी॑कं ति॒रो द॑धे॒ मा मां पद्ये॑न॒ रप॑सा विद॒त्त्सरु॑: ॥१॥
यद्वि॒जाम॒न्परु॑षि॒ वन्द॑नं॒ भुव॑दष्ठी॒वन्तौ॒ परि॑ कु॒ल्फौ च॒ देह॑त् ।
अ॒ग्निष्टच्छोच॒न्नप॑ बाधतामि॒तो मा मां पद्ये॑न॒ रप॑सा विद॒त्त्सरु॑: ॥२॥
यच्छ॑ल्म॒लौ भव॑ति॒ यन्न॒दीषु॒ यदोष॑धीभ्य॒: परि॒ जाय॑ते वि॒षम् ।
विश्वे॑ दे॒वा निरि॒तस्तत्सु॑वन्तु॒ मा मां पद्ये॑न॒ रप॑सा विद॒त्त्सरु॑: ॥३॥
याः प्र॒वतो॑ नि॒वत॑ उ॒द्वत॑ उद॒न्वती॑रनुद॒काश्च॒ याः ।
ता अ॒स्मभ्यं॒ पय॑सा॒ पिन्व॑मानाः शि॒वा दे॒वीर॑शिप॒दा भ॑वन्तु॒ सर्वा॑ न॒द्यो॑ अशिमि॒दा भ॑वन्तु ॥४॥