SELECT MANDALA
SELECT SUKTA OF MANDALA 07
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Rigveda – Shakala Samhita – Mandala 07 Sukta 048
A
A+
४ मैत्रावरुणिर्वसिष्ठ:। ऋभव:, ४ विश्वे देवा वा । त्रिष्टुप् ।
ऋभु॑क्षणो वाजा मा॒दय॑ध्वम॒स्मे न॑रो मघवानः सु॒तस्य॑ ।
आ वो॒ऽर्वाच॒: क्रत॑वो॒ न या॒तां विभ्वो॒ रथं॒ नर्यं॑ वर्तयन्तु ॥१॥
ऋ॒भुॠ॒भुभि॑र॒भि व॑: स्याम॒ विभ्वो॑ वि॒भुभि॒: शव॑सा॒ शवां॑सि ।
वाजो॑ अ॒स्माँ अ॑वतु॒ वाज॑साता॒विन्द्रे॑ण यु॒जा त॑रुषेम वृ॒त्रम् ॥२॥
ते चि॒द्धि पू॒र्वीर॒भि सन्ति॑ शा॒सा विश्वाँ॑ अ॒र्य उ॑प॒रता॑ति वन्वन् । इ
न्द्रो॒ विभ्वाँ॑ ऋभु॒क्षा वाजो॑ अ॒र्यः शत्रो॑र्मिथ॒त्या कृ॑णव॒न्वि नृ॒म्णम् ॥३॥
नू दे॑वासो॒ वरि॑वः कर्तना नो भू॒त नो॒ विश्वेऽव॑से स॒जोषा॑: ।
सम॒स्मे इषं॒ वस॑वो ददीरन्यू॒यं पा॑त स्व॒स्तिभि॒: सदा॑ नः ॥४॥
ऋभु॑क्षणो वाजा मा॒दय॑ध्वम॒स्मे न॑रो मघवानः सु॒तस्य॑ ।
आ वो॒ऽर्वाच॒: क्रत॑वो॒ न या॒तां विभ्वो॒ रथं॒ नर्यं॑ वर्तयन्तु ॥१॥
ऋ॒भुॠ॒भुभि॑र॒भि व॑: स्याम॒ विभ्वो॑ वि॒भुभि॒: शव॑सा॒ शवां॑सि ।
वाजो॑ अ॒स्माँ अ॑वतु॒ वाज॑साता॒विन्द्रे॑ण यु॒जा त॑रुषेम वृ॒त्रम् ॥२॥
ते चि॒द्धि पू॒र्वीर॒भि सन्ति॑ शा॒सा विश्वाँ॑ अ॒र्य उ॑प॒रता॑ति वन्वन् । इ
न्द्रो॒ विभ्वाँ॑ ऋभु॒क्षा वाजो॑ अ॒र्यः शत्रो॑र्मिथ॒त्या कृ॑णव॒न्वि नृ॒म्णम् ॥३॥
नू दे॑वासो॒ वरि॑वः कर्तना नो भू॒त नो॒ विश्वेऽव॑से स॒जोषा॑: ।
सम॒स्मे इषं॒ वस॑वो ददीरन्यू॒यं पा॑त स्व॒स्तिभि॒: सदा॑ नः ॥४॥