वद वशव वङमय क इतहस म सरव परचन गरथ ह यह मनव सभयत क अभनन जञनवजञन परमपर और ससकत क उतस ह यह अनदकल स वदयमन परभतक जञन क आसत जञन क मखक सगरहण ह
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इस परटल क मखय उददशय वदक शसतर म वदयमन जञन क सरवभमक कलयण हत समपरषण करन ह यह परटल उपभकतओ क एक ह सथन पर वदक वरसत क समबनध म कई भ सचन जस अमरत मखक परमपर परकशन पणडलपय उपकरण यजञ समबनधत वसतओ इतयद एव अनय समसत जनकरय क परदन करत ह
परटल क समदध बनन क लए आप सभ क रचनतमक सझव क हम सवगत करत ह
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8220आ न भदर करतव यनत वशवत8221
अरथत वशव स कलयणकर वचर हमर पस आए ऋगवद 1891